पूर्ति का सिद्धांत
( THEORY OF SUPPLY )
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पूर्ति( supply) क्या है ?
उत्तर- वस्तु की वे मात्राएँ जिन्हें उत्पादक / बिक्रेता/ फर्म एक निश्चित समय अवधि के दौरान विभिन्न संभावित कीमतों पर बेचने के लिए तैयार रहता है उसे पूर्ति कहते हैं |
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. पूर्ति मात्रा( quantity supplied) क्या है ?
उत्तर- किसी वस्तु की वह विशेष मात्रा जिसे बिक्रेता एक विशिष्ट कीमत पर बेचने के लिए तैयार रहता है उसे पूर्ति मात्रा कहते हैं | जैसे- 1 कलम को 10 रूपये में बेचने के लिए तैयार रहना |
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व्यक्तिगत पूर्ति ( INDIVIDUAL SUPPLY) क्या है ?
उत्तर- वस्तु की वह मात्रा जिसे एक व्यक्तिगत उत्पादक /बिक्रेता एक निश्चित समय अवधि के दौरान विभिन्न संभावित कीमतों पर बेचने के लिए तैयार रहता है| उसे व्यक्तिगत पूर्ति कहते हैं |
4.बाज़ार पूर्ति क्या है ?
उत्तर- वस्तु की वे मात्राएँ जिन्हें बाज़ार के सभी उत्पादक / बिक्रेता एक निश्चित समय अवधि के दौरान विभिन्न संभावित कीमतों पर बेचने के लिए तैयार रहती हैं उसे बाज़ार पूर्ति कहते हैं |
5.व्यक्तिगत पूर्ति तालिका क्या है ?
उत्तर – व्यक्तिगत पूर्ति तालिका का सम्बन्ध एक व्यक्तिगत उत्पादक / बिक्रेता की पूर्ति तालिका से से है जिसके अंतर्गत किसी वस्तु की उन मात्राओं को प्रदर्शित किया जाता है जिसे एक व्यक्तिगत उत्पादक / बिक्रेता एक निश्चित समय अवधि के दौरान विभिन्न संभावित कीमतों पर खरीदने के लिए तैयार रहता है |
6.बाज़ार पूर्ति तालिका क्या है ?
उत्तर – बाज़ार पूर्ति तालिका का सम्बन्ध बाजार के सभी उत्पादकों या बिक्रताओं की पूर्ति तालिका से है जिसके अंतर्गत किसी वस्तु की उन मात्राओं को प्रदर्शित किया जाता है जिसे बाज़ार के सभी उत्पादक /बिक्रेता एक निश्चित समय अवधि के दौरान विभिन्न संभावित कीमतों पर बेचने के लिए तैयार रहते हैं |
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पूर्ति फलन (SUPPLY FUNCTION) क्या है ?
उत्तर- वस्तु की पूर्ति तथा उसको प्रभावित करने वाले कारकों के बीच जो फलनात्मक सम्बन्ध पाया जाता है उसे पूर्ति फलन कहते हैं |
जिसे फलनात्मक रूप में निम्न प्रकार से लिखा जा सकता है :-
Sx =f( Px,Pr, Np, G , Pf ,T ,Ex ,Gp)
जहाँ – Sx = वास्तु X की पूर्ति
Px = वास्तु X की कीमत
Pr = सम्बंधित वस्तुओं की कीमतें
Np = फर्मों की संख्या
G = फर्म का उद्देश्य
Pf = उत्पाती के साधनों की कीमत
T = उत्पादन तकनीक
Ex = भविष्य की संभावित कीमत
Gp = सरकार की नीति
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पूर्ति को प्रभावित करने वाले कारकों की विवेचना करें ?
उत्तर- पूर्ति मात्रा में में कमी /वृद्दि होना कई कारकों पर निर्भर करती है जो निम्नलिखित हैं :-
(a) वस्तु की कीमत – वस्तु की कीमत एवं पूर्ति मात्रा के बीच सीधा सम्बन्ध पाया जाता है अर्थात कीमत जितनी अधिक रहती है पूर्ति भी उतनी अधिक बढ़ जाती है और कीमत जितनी कम रहती है पूर्ति भी उतनी कम हो जाती है |
(b) सम्बंधित वस्तुओं की कीमत :- वस्तु की पूर्ति संबधित वस्तुओं की कीमत पर भी निर्भर करती है |उदहारण के लिए – चाय और कोफ़ी दो स्थानापन्न वस्तुएं हैं अब यदि चाय की कीमत बढ़ जाय तो उत्पादक कोफ़ी को वर्तमान कीमत पर बेचने के लिए इसकी पूर्ति मात्रा को कम कर देती है |
(c) फर्मों की संख्या :- किसी उद्धोग के अंतर्गत कार्य करने वाली फर्मों की संख्या जितनी अधिक होगी वस्तु की पूर्ति भी उतनी ही अधिक होगी और फर्मों की संख्या कम होगी तो वस्तु की पूर्ति भी घट जायेगी |
(d) फर्म का उद्देश्य :- यदि फर्म का उद्देश्य अधिकतम लाभ कमाना है तो वह ऊँची कीमत कीमत पर वस्तुओं की अधिक मात्रा की पूर्ति करेगा |और यदि बिक्री अधिक करने का उद्देश्य है तो वह कम कीमत पर भी वस्तु की पूर्ति को बढ़ा देगा |
(e) उत्पत्ति के साधनों की लागत :- वस्तु की पूर्ति उत्पत्ति के साधनों की कीमत पर भी निर्भर करती है | जैसे- यदि उत्पत्ति के साधनों की कीमत बढ़ जाय तो उत्पादन लागत भी बढ़ जायेगी फलस्वरूप वस्तु की पूर्ति कम हो जायेगी | इसके विपरीत उत्पत्ति के साधनों की कीमत कम हो जाय तो उत्पादन लागत भी कम हो जाती है जिसके कारण उत्पादन बढ़ेगी और जिसके कारण वस्तु की पूर्ति भी बढ़ जायेगी |
(f) उत्पादन तकनीक :- उत्पादन की तकनीक में सुधार होने पर उत्पादन लागत कम हो जाती है परिणामस्वरूप वस्तु की पूर्ति बढ़ जाती है |
(g) भविष्य में कीमत परिवर्तन की संभावना :- यदि उत्पादक को लगता है कि भविष्य में वस्तु की कीमतें बढ़ने वाली हैं तो वह अपनी वर्तमान पूर्ति को कम कर देती है और यदि भविष्य में कीमतों के घटने की संभावना है तो वह अपनी वर्तमान पूर्ति को बढ़ा देती है |
(h) सरकारी नीति :- करारोपण एवं अनुदान से सम्बंधित सरकार की नीति वस्तु की पूर्ति को प्रभावित करती है | अर्थात यदि सरकार उत्पादकों पर ज्यादा कर लगाती है एवं उत्पादकों को प्राप्त होने वाले अनुदान को घटा देती है तो वस्तुओं की पूर्ति घट जाती है |
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पूर्ति का नियम क्या है ?
उत्तर- कीमत बढ़ने पर पूर्ति भी बढ़ जाती हो तथा कीमत के घटने पर पूर्ति भी घट जाती हो तो उसे पूर्ति का नियम कहते हैं |
यह नियम “अन्य बातें सामान रहने पर” की मान्यता पर आधारित है अर्थात यह नियम तभी क्रियाशील होगी जब कुछ शर्तें पूरी होंगी |
इस नियम का पालन सामान्यत: उत्पादक /फर्म /बिक्रेता द्वारा किया जाता है| यह नियम कीमत एवं पूर्ति के बीच सीधा (DIRECT RELATION ) सम्बन्ध को बताती है जिसके कारण पूर्ति वक्र की ढाल धनात्मक होती है अर्थात यह बायें से दायें ऊपर की ओर गमन करती है |
जिसे निम्नलिखित तालिका द्वारा भी स्पस्ट किया जा सकता है –
वस्तु का मूल्य |
पूर्ति की मात्रा |
1 |
10 |
2 |
20 |
3 |
30 |
4 |
40 |
5 |
50 |
इस तालिका को देखने से यह स्पस्ट होता है कि जब वस्तु का मूल्य बढकर क्रमश 1,2,3,4 और 5 रुपया होता है तो वस्तु की पूर्ति की मात्रा भी बढकर क्रमश 10,20,30,40 और 50 इकाई होती है | ठीक इसके बिपरीत जब वस्तु का मूल्य घटकर क्रमश 5,4,3,2 और 1 रुपया होता है तो वस्तु की पूर्ति की मात्रा भी घटकर क्रमश 50,40,30,20 और 10 इकाई हो जाती है | अर्थात मूल्य के बढ़ने से पूर्ति का बढना तथा मूल्य के घटने से पूर्ति में कमी होता है |
जिसे निम्न रेखाचित्र में दर्शाया गया है :-
OX अक्ष = पूर्ति की मात्रा
OY अक्ष = वस्तु का मूल्य
SS रेखा = पूर्ति की रेखा
इस रेखा चित्र को देखने से यह स्पष्ट होता है कि जब वस्तु का मूल्य OP से बढ़कर OP1 तथा OP2 होता है तो वस्तु की पूर्ति की मात्रा भी बढ़कर OQ से OQ1 तथा OQ2 होता है। ठीक इसके विपरीत वस्तु का मूल्य घटकर कर क्रमशः OP2 से घटकर OP1 तथा OP होता है तो वस्तु की पूर्ति की मात्रा भी घटकर क्रमश OQ2 से OQ1 तथा OQ हो जाता है । अर्थात वस्तु के मूल्य में वृद्धि होने से पूर्ति में वृद्धि होती है तथा वस्तु के मूल्य में कमी होने से पूर्ति में भी कमी होती है ।
निष्कर्ष के तौर पर हम यह कह सकते हैं कि वस्तु के मूल्य में जब वृद्धि होती है तो वस्तु की पूर्ति में भी वृद्धि होती है तथा वस्तु के मूल्य में कमी होने से वस्तु की पूर्ति में भी कमी होती है।
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पूर्ति का नियम की मान्यताओं को लिखें?
उत्तर- पूर्ति का नियम कुछ मान्यताओं/शर्तों पर आधारित है जिसका अर्थ है कि पूर्ति का नियम केवल तभी कार्यशील होगी जब कुछ मान्यताएं / शर्तें पूरी होंगी जो निम्नलिखित हैं :-
- a) उत्पत्ति के साधनों की कीमत में कोई परिवर्तन नहीं होना चाहिए |
- b) उत्पादन तकनीक में कोई परिवर्तन नहीं होना चाहिए |
- c) फर्म के उद्देश्य में कोई परिवर्तन नहीं होना चाहिए |
d)सम्बंधित वस्तुओं की कीमत में कोई परिवर्तन नहीं होना चाहिए |
- e) भविष्य में कीमत परिवर्तन की संभावना नहीं होनी चाहिए |
- f) उत्पादन एवं कीमत के सम्बन्ध में सरकार की नीति में कोई परिवर्तन
नहीं होना चाहिए
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पूर्ति का नियम के अपवादों से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर- पूर्ति का नियम के अपवादों का तात्पर्य सम्बन्ध उन स्थितियों से है जिनके सम्बन्ध में पूर्ति का नियम लागू नहीं होता | जो निम्नलिखित हैं :-
- a) कृषि उत्पादों के सम्बन्ध में |
- b) सामाजिक प्रतिष्ठा की वस्तुओं के सम्बन्ध में |
- c) शीघ्र नष्ट होने वाली वस्तुओं के सम्बन्ध में |
- पूर्ति वक्र पर संचलन ( MOVEMENT ALONG A SUPPLY CURVE) से आप क्या समझते हैं?
उत्तर – कीमत में परिवर्तन के कारण पूर्ति मात्रा में परिवर्तन होना और उसके फलस्वरूप उत्पादक का एक ही पूर्ति वक्र पर एक बिंदु से दुसरे बिंदु की ओर गमन करना पूर्ति वक्र पर संचलन कहलाता है |
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पूर्ति में परिवर्तन से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर- पूर्ति को प्रभावित करने वाले अन्य कारकों जैसे-उत्पत्ति के साधनों की कीमत ,उत्पादन की तकनीक, फर्म का उद्देश्य आदि में परिवर्तन के कारण पूर्ति मात्रा में परिवर्तन होना और उत्पादक द्वारा पुरानी वक्र को छोड़कर नई पूर्ति वक्र पर स्थानान्तरित हो जाना पूर्ति में परिवर्तन कहलाता है |
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पूर्ति का विस्तार से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर- कीमत में वृद्धि के कारण जब वास्तु की पूर्ति मात्रा बढ़ जाती है तो उसे पूर्ति का विस्तार कहते हैं |
इस स्थिति में उत्पादक एक ही पूर्ति वक्र पर एक बिंदु से दुसरे बिंदु बायें से दायें की दिशा में ऊपर की तरफ गमन करती है |
जिसे निम्न चित्र में दिखाया गया है :-
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पूर्ति का संकुचन से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर- कीमत घटने के कारण जब वस्तु की पूर्ति मात्रा घट जाती है तो उसे पूर्ति का संकुचन कहते हैं |
इस स्थिति में उत्पादक एक ही पूर्ति वक्र पर एक बिंदु से दुसरे बिंदु की ओर दायें से बायें नीचे की दिशा में नीचे की तरफ गमन करती है |
जिसे निम्न चित्र में दर्शाया गया है :-
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पूर्ति में वृद्धि से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर- कीमत के अतिरिक्त पूर्ति को प्रभावित करने वाले अन्य कारकों जैसे – उत्पत्ति के साधनों की कीमत , फर्म का उद्देश्य , भावी संभावित कीमत आदि में परिवर्तन के कारण जब वस्तु की पूर्ति मात्रा बढ़ जाती है तो उसे पूर्ति में वृद्धि कहते हैं |
इस स्थिति में उत्पादक पुरानी पूर्ति वक्र को छोड़कर नई पूर्ति वक्र पर बायें से दायें की दिशा में स्थानान्तरित हो जाती है
जिसे निम्न चित्र में दर्शाया गया है :-
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पूर्ति में कमी से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर – कीमत के अतिरिक्त पूर्ति को प्रभावित करने वाले अन्य कारकों जैसे :- उत्पत्ति के साधनों की कीमत ,फर्म का उद्धेश्य ,उत्पादन तकनीक आदि में परिवर्तन के कारण जब पूर्ति मात्रा घट जाती है तो उसे पूर्ति में कमी कहते हैं |
यह स्थिति उत्पन्न होने पर उत्पादक पुरानी पूर्ति वक्र को छोड़कर नई पूर्ति वक्र पर दायें से बायें की दिशा में स्थानान्तरित हो जाती है| जिसे निम्न चित्र में दर्शाया गया है :-
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पूर्ति में वृद्धि के क्या कारण हैं ?
उत्तर– पूर्ति में वृद्धि के निम्नलिखित कारण हैं :-
a) उत्पादन तकनीक में सुधार
b) उत्पत्ति के साधनों की कीमत में कमी
c) फर्मों की संख्या में वृद्धि
d) भविष्य में कीमत कम होने की संभावना
e) कर में कमी
e) उत्पादकों को अधिक मात्रा में अनुदान प्रदान करने पर |
19.पूर्ति में कमी के क्या कारण हैं ?
उत्तर- पूर्ति में कमी के निम्नलिखित कारण हैं :-
a) पुरानी तकनीक के प्रयोग के कारण
b) उत्पत्ति के साधनों की कीमत बढ़ने पर
c) फर्मों की संख्या में कमी आने पर |
d) भविष्य में कीमत बढ़ने की सभावना होने पर
e) कर की दरों वृद्धि किये जाने पर
f) अनुदान की राशि घटा देने पर
Question-
- पूर्ति( supply) क्या है ?
- पूर्ति मात्रा( quantity supplied) क्या है ?
- व्यक्तिगत पूर्ति ( INDIVIDUAL SUPPLY) क्या है ?
- .बाज़ार पूर्ति क्या है ?
- .व्यक्तिगत पूर्ति तालिका क्या है ?
- .बाज़ार पूर्ति तालिका क्या है ?
- पूर्ति फलन (SUPPLY FUNCTION) क्या है ?
- पूर्ति को प्रभावित करने वाले कारकों की विवेचना करें |
- पूर्ति का नियम क्या है ?
- पूर्ति का नियम की मान्यताओं को लिखें |
- पूर्ति का नियम के अपवादों से क्या अभिप्राय है ?
- पूर्ति वक्र पर संचलन ( MOVEMENT ALONG A SUPPLY CURVE) से आप क्या समझते हैं?
- पूर्ति में परिवर्तन से आप क्या समझते हैं ?
- पूर्ति का विस्तार से आप क्या समझते हैं ?
- पूर्ति का संकुचन से क्या अभिप्राय है ?
- पूर्ति में वृद्धि से आप क्या समझते हैं ?
- पूर्ति में कमी से आप क्या समझते हैं ?
- पूर्ति में वृद्धि के क्या कारण हैं ?
- 19.पूर्ति में कमी के क्या कारण हैं ?
- पूर्ति का विस्तार एवं पूर्ति में कमी के बीच क्या अंतर है ?
- पूर्ति का संकुचन एवं पूर्ति में कमी के बीच क्या अंतर है ?